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दुनिया का सबसे गरीब और बदहाल देश, गरीबी क्या होती यहां पता चलता, 50 रुपये रोज भी नहीं कमा पाता एक आदमी

बुरुन्डी दुनिया का सबसे गरीब देश है. 1996 में इसे आजादी मिली लेकिन जातीय संघर्षों के कारण यहां की अर्थव्यवस्था धाराशायी हो गई. इस देश के 85 फीसदी लोग अत्यंत गरीबी रेखा के दायरे में आते हैं. देश में ज्यादातर लोगों का जीवनयापन कृषि पर निर्भर हैं.

New Delhi दुनिया के कई अमीर देशों के बारे में तो आपको पता ही है, लेकिन क्या आप जानते हैं दुनिया के सबसे गरीब देशों के लोग कैसे अपना गुजारा करते हैं. गरीबी का दर्द समझने के लिए बुरुंडी के हालात पर गौर करना पड़ेगा.

दुनिया के गरीब देशों में बुरुंडी (Burundi) सबसे पहले पायदान पर आता है. इस देश की आबादी 12 मिलियन यानी 1 करोड़ 20 लाख के लगभग है, इनमें से 85 फीसदी लोग गरीबी नहीं बल्कि घोर गरीबी में जिंदगी गुजारते हैं.

इस देश में ज्यादातर लोगों का जीवनयापन कृषि पर निर्भर हैं. हैरानी की बात है कि एक ओर जहां दुनिया चांद और मंगल पर जिंदगी तलाश रही है. वहीं, धरती पर इस देश में लोगों को जीवन जीने के लिए मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है.
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बुरुंडी पूर्वी अफ्रीका में स्थित देश है. किसी जमाने में ब्रिटेन और अमेरिका ने इस देश पर शासन किया था. जब यह देश आजाद हुआ तो आर्थिक हालत सही थे लेकिन साल 1996 से परिस्थितियां खराब होती गईं.

बुरुंडी में 1996 से लेकर साल 2005 तक चले बड़े जातीय संघर्ष में लाखों लोगों की जान चली गई और अर्थव्यवस्था चौपट हो गई.

धीरे-धीरे यह देश आर्थिक रूप से पिछड़ते हुए दुनिया के सबसे गरीब देशों की लिस्ट में सबसे ऊपर आ गया. बुरुंडी के अलावा मेडागास्कर, सोमालिया और सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक समेत कई देश गरीबी से जूझ रहे हैं.

इस देश के लोगों की सालाना आमदनी 180 डॉलर प्रति वर्ष, यानी 14 हजार रुपये प्रति साल है. यहां हर 3 में से एक व्यक्ति बेरोजगार है और दिनभर मेहनत करने के बाद भी लोग 50 रुपये रोज नहीं कमा पाते हैं.

दुनिया भर के कई गरीब देशों के लिए यूएन और अन्य संस्थाएं कई तरह के कैंपेन चलाती हैं. बावजूद इसके बुरुंडी समेत दुनिया के कई मुल्कों के हालात नहीं सुधरे हैं.

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