Income Tax: ITR भरने से मिलेंगे 8 बड़े फायदे, डिटेल में समझें, जाने पूरी जानकारी
Posted by aankhodekhinews.in Team

नई दिल्ली: ITR भरने के मिलेंगे 8 बड़े फायदे, डिटेल में समझें जाने पूरी जानकारी साल 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 है. नौकरी करने वालों में भी दो तरह के लोग होते हैं. एक टैक्सेबल इनकम वाले और दूसरे नॉन टैक्सेबल इनकम वाले.
अक्सर जो लोग टैक्स ब्रैकेट में नहीं आते उन्हें लगता है इनकम टैक्स रिटर्न (Income tax return) भरने की जरूरत नहीं. बस यही सोचना गलत है. आप भले ही टैक्स के दायरे में न आएं, लेकिन अगर रिटर्न भरेंगे तो फायदे में रहेंगे. हम आपको ऐसे 8 फायदे बताते हैं, जिन्हें जानने के बाद आप फटाफट रिटर्न भर देंगे.
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने पर टैक्सपेयर्स को एक सर्टिफिकेट मिलता है. ये एक सरकारी प्रमाण होता है. इससे व्यक्ति की सैलरी यानि सालना इनकम का पता चलता है. इनकम का रजिस्टर्ड प्रूफ मिलने से क्रेडिट कार्ड, लोन लेना आसान हो जाता है. साथ ही खुद की क्रेडिट हिस्ट्री साबित करने में भी मदद मिलती है.
विदेश ट्रैवल करने से पहले वीजा (Visa) की जरूरत होती है. वीजा अप्लाई करते वक्त इनकम टैक्स रिटर्न मांगा जाता है. वीजा अथॉरिटीज आमतौर पर 3 से 5 साल का ITR मांगती हैं. ITR के जरिए ये चेक किया जाता है कि जो व्यक्ति उनके देश में आ रहा है या आना चाहता है उसका फाइनेंशियल स्टेटस क्या है. इसलिए ITR जरूर भरें.
आजकल इनकम टैक्स रिटर्न ऑनलाइन भरने का जमाना है. लेकिन, मैनुअली भरने पर इनकम टैक्स रिटर्न की रसीद रजिस्टर्ड एड्रेस पर भेजी जाती है. इससे यह एड्रेस के तौर पर भी स्वीकार की जाती है. ITR इनकम के साथ एड्रेस प्रूफ बन जाता है.
इंश्योरेंस कवर ज्यादा रखने की शर्त या फिर 1 करोड़ रुपए तक के टर्म प्लान पर इंश्योरेंस कंपनियां इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) देखती हैं. इनकम का सोर्स और चुकाने की स्थिति को जांचने के लिए ITR मांगा जाता है.
स्टॉक मार्केट में शेयरों की ट्रेडिंग या म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए भी ITR अच्छा रिसोर्स है. कहीं भी घाटा होने की स्थिति में घाटे को अगले साल कैरी फारवर्ड किया जा सकता है. लेकिन, इसके लिए तय डेडलाइन में इनकम टैक्स रिटर्न भरना जरूरी है. अगले साल कैपिटल गेन होने पर घाटे को फायदे से एडजस्ट करके टैक्स छूट में फायदा लिया जा सकता है.
अगर आप बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो भी इनकम टैक्स रिटर्न बहुत जरूरी है. किसी डिपार्टमेंट से कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए ITR काम आएगा. किसी सरकारी विभाग में कॉन्ट्रैक्ट लेने के लिए भी पिछले 5 साल का टैक्स रिटर्न दिखाना जरूरी होता है.
लोन लेते वक्त भी आपकी इनकम का प्रूफ देखा जाता है. होम लोन की स्थिति में बतौर इनकम प्रूफ 3 साल का ITR मांगा जाता है. बिना ITR के लोन के लिए आवेदन करने पर बैंक इनकार भी कर सकते हैं. नियमित तौर पर ITR फाइल करते हैं तो लोन मिलने के चांस बढ़ जाते हैं.
नौकरीपेशा का इनकम स्लैब टैक्स के दायरे में नहीं आता, फिर भी किसी वजह से TDS कटता है तो रिटर्न भरकर ही रिफंड ले सकते हैं. टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए ITR फाइल करना होगा. ITR फाइल होने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसका असेसमेंट करता है. अगर रिफंड बन रहा है तो उसे प्रोसेस कर दिया जाता है.









