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Fixed Deposit: FD पर कब कितना और कैसे काटता है TDS, जानिये नये नियम

Posted by aankhodekhinews.in Team

नई दिल्ली: FD पर कब कितना और कैसे काटता है TDS, जानिये नये नियम सुरक्षित निवेश के लिहाज से फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) सबसे बेहतर विकल्प माना जाता. हालांकि बाजार में निवेश के कई ऑप्शन मौजूद हैं. लेकिन बचत करने के लिए यह तरीका हर उम्र के लोगों को पसंद आता है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि दूसरी स्कीम्स के मुकाबले यह सुरक्षित और सबसे कम जोखिम वाला होता है.

छोटी से लेकर लंबी अवधि के लिए भी इसमें निवेश किया जा सकता है. लेकिन क्या आप जानते हैं? फिक्स्ड डिपॉजिट से होने वाली आय पर पूरा पूरा टैक्स लगता है. मतलब इसमें कोई छूट नहीं होती है. इसे आपकी कुल आय में जोड़ा जाता है और आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लागू होता है. इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय इसे “अन्य स्रोतों से होने वाली आय” के तहत रखा जाता है.

यदि आप वरिष्ठ नागरिक नहीं हैं और आपकी FD पर ब्याज 40,000 रुपये से अधिक होता है तो बैंक इस पर दी जाने वाली ब्याज पर TDS काटते हैं. यदि आप सीनियर सिटिजन हैं तो 50,000 रुपये के बाद TDS काटा जाता है. यहां, ध्यान रखने वाली बात यह है कि TDS तब काटा जाता है, जब आपकी FD पर ब्याज जोड़ा जाता है या क्रेडिट किया जाता है, न कि तब, जब FD मेच्योर होती है. इस तरह, यदि आपने 3 साल की FD कराई है तो बैंक हर साल ब्जाय देते समय टीडीएस काटेंगे.

FD पर भी आपके इनकम टैक्स वाला फॉर्मूला ही इस्तेमाल होता है. मतलब अगर आपकी सालाना इनकम 3 लाख रुपये तक है तो TDS नहीं कटेगा. लेकिन, इसके लिए फॉर्म 15G या 15H जमा करना होता है. अगर FD पर मिला सालाना ब्याज 40,000 रुपये से कम है तो भी TDS नहीं कटेगा.

40,000 रुपये से ज्यादा के ब्याज पर 10% TDS काटा जाता है. पैन कार्ड को KYC के तौर पर जमा नहीं करने पर बैंक 20% TDS काट सकता है. हालांकि, सीनियर सिटीजन के लिए FD से हुई कमाई की लिमिट 50 हजार रुपए है. इतनी कमाई पर टैक्स नहीं लगता. इससे ज्यादा होने पर 10% TDS काटा जाता है.

अगर जमाकर्ता ने पर्मानेंट एकाउंट नंबर (PAN) जमा नहीं किया तो एफडी पर 20 फीसदी टैक्स लगेगा. अगर आपको मिली ब्याज की राशि छूट सीमा के अंदर है और बैंक ने फिर भी टीडीएस काटा तो आप उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त क्लेम कर सकते हैं.

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