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Income Tax: इनकम टैक्स भरते वक्त न करें ये 8 गलती, वरना पड़ जाएंगे लेने के देने, जाने पूरी जानकरी

Posted by aankhodekhinews.in Team

नई दिल्ली: इनकम टैक्स भरते वक्त न करें ये 8 गलती, वरना पड़ जाएंगे लेने के देने जाने पूरी जानकरी इस बार इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की आखिरी डेडलाइन 31 जुलाई है। इस तारीख में बढ़ोतरी की कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि वित्त मंत्रालय आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की 31 जुलाई की समयसीमा को बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहा है। उन्होंने साथ ही आयकरदाताओं से जल्द से जल्द अपना रिटर्न दाखिल करने को कहा।

ऐसे में अगर आपने अभी तक अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो अब देर नहीं करें। हालांकि, रिटर्न भरने में कुछ कॉमन गलतियों से जरूर बचें। ऐसा नहीं करने पर आपको आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है। साथ ही बाद में पेनल्टी का भुगतान भी करना पड़ सकता है।

फॉर्म 26एएस और एआईएस का सत्यापन नहीं करना। सबसे पहले टैक्स पोर्टल पर अपना फॉर्म 26एएस और वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) जांचें। सुनिश्चित करें कि सभी आय, टीडीएस और टीसीएस भुगतान का उल्लेख किया गया है।

दूसरे आय को शामिल नहीं करना। शेयर बाजार में निवेश और बैंक एफडी से प्राप्त ब्याज, लाभांश और पूंजीगत लाभ से आय की जानकारी नहीं देना। ये आय एआईएस में उल्लिखित हैं, इसलिए वे कर विभाग से छिपी नहीं रहेंगी। इसे नहीं देने पर नोटिस मिल सकता है और बाद में पेनल्टी का भुगतान करना होगा।

पूंजीगत लाभ और हानि को शामिल नहीं करना। पूंजीगत लाभ की गणना के लिए कागजी कार्रवाई की कोई आवश्यकता नहीं है। पूंजीगत लाभ विवरण के लिए अपने ब्रोकर और म्यूचुअल फंड क्लियरिंग हाउस से जानकारी ले सकते हैं।

आयकर की धारा 80TTA के तहत 10,000 रुपये तक के बचत बैंक ब्याज पर छूट के पात्र हैं। वरिष्ठ नागरिकों को धारा 80TTB के तहत 50,000 रुपये की अधिक छूट मिलती है। इसका लाभ नहीं लेना।

विदेशी आय और संपत्ति की सूचना नहीं देना। सभी विदेशी संपत्तियों की सूचना टैक्स रिटर्न में दी जानी चाहिए। इनमें विदेशी कंपनियों के शेयर, विदेशी कंपनियों से आय और यहां तक कि विदेशी बैंक खातों में पड़ी छोटी रकम भी शामिल हैं। ऐसा नहीं करना अपराध है।

नुकसान की सूचना नहीं देना। आयकर रिटर्न में फंड, स्टॉक, एफएंडओ आदि से होने वाले नुकसान को अन्य लाभ के मुकाबले समायोजित किया जा सकता है। असमायोजित घाटे को आठ वित्तीय वर्षों तक आगे बढ़ाया जा सकता है। बहुत सारे लोग यह जानकारी नहीं देते हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस पर आयकर की 80डी के तहत 5,000 रुपये तक की कर कटौती का लाभ मिलता है। वरिष्ठ नागरिकों को भी यह लाभ दिया जाता है। कुछ बीमारियों और विकलांगताओं पर भी कर कटौती मिलती है।

18 साल से कम उम्र के बच्चे के नाम पर निवेश से होने वाली आय को माता-पिता की आय के साथ जोड़ दिया जाता है। जीवनसाथी को उपहार में दिए गए धन से होने वाली आय को भी देने वाले की आय के साथ जोड़ा जाना चाहिए। इस बात का खास ख्याल रखें।

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