news

ED Raid: ED ने दर्ज की 420 करोड़ की संपत्ति, CBI ने दर्ज किया केस जाने पूरी जानकारी

नई दिल्ली: ED ने दर्ज की 420 करोड़ की संपत्ति, CBI ने दर्ज किया केस जाने पूरी जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने 898 करोड़ रुपये से अधिक की कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी के सिलसिले में धन शोधन रोधी कानून के तहत महाराष्ट्र की एक इस्पात कंपनी की 517 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है। ईडी ने एक बयान में कहा कि भूमि, भवन और मशीनरी सहित संपत्तियां एसकेएस इस्पात एंड पावर लिमिटेड की हैं।

धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इन संपत्तियों को कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है और इनका कुल मूल्य 517.81 करोड़ रुपये है। यह जांच तिरुचिरापल्ली स्थित बॉयलर विनिर्माण कंपनी सेथार लिमिटेड के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले से संबंधित है, जिसने मदुरै में इंडियन बैंक की एसएएम शाखा के नेतृत्व में उधारदाताओं के एक संघ से 895.45 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाओं का “लाभ” उठाया था।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, अहमदाबाद (गुजरात) की शिकायत पर एक निजी कंपनी श्री मांडवी विभाग सहकारी खंड उद्योग मंडली लिमिटेड और इसके प्रबंध निदेशक रविंद्रभाई पटेल और अन्य अज्ञात निजी व्यक्तियों और अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने अपने प्रबंध निदेशक और अन्य के माध्यम से उक्त 03 कंसोर्टियम बैंकों को संवितरित सावधि ऋण निधियों के दुरुपयोग, विपथन/गबन का सहारा लेकर धोखाधड़ी की थी और उक्त कंसोर्टियम बैंकों को 16.07.2022 को 55.39 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया था। सूरत (गुजरात) में स्थित आरोपी के 3 आधिकारिक और आवासीय परिसरों की तलाशी ली गई, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज/वस्तुएं बरामद की गईं। मामले की जांच जारी है।

ईडी ने कहा कि एसकेएस पावर जनरेशन (छत्तीसगढ़) लिमिटेड (एसकेएसपीजीसीएल) को करीब 3,500 करोड़ रुपये में इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) ठेका देने के लिए सेथार लिमिटेड ने शेयरों में निवेश की आड़ में अपनी मूल कंपनी एसकेएस इस्पात एंड पावर लिमिटेड से 228 करोड़ रुपये का गबन किया।

 

सीमा शुल्क और माल व सेवा कर (जीएसटी) के अतिरिक्त आयुक्त के तौर पर कार्यरत 2008 बैच के आईआरएस अधिकारी को आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में उनके खिलाफ धन शोधन की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। ईडी के मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय में उप निदेशक के तौर पर काम कर चुके सचिन बालासाहेब सावंत को मंगलवार को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में ले लिया गया।

एजेंसी ने एक बयान में कहा कि अधिकारी को यहां एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें पांच जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया। सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर कैडर के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी सावंत वर्तमान में सीमा शुल्क और जीएसटी निदेशालय, लखनऊ में तैनात थे। उन्होंने 2017 और 2019 के बीच ईडी के साथ भी काम किया।

 

Related Articles

Back to top button